सकते में हैं जिंदगी, माँ - बहनों की आज |
प्रश्न चिन्ह सम्बन्ध पर, आय नारि को लाज |
आय नारि को लाज, लाज लुट रही सड़क पर |
दब जाए आवाज, वहीँ पर जाती है मर |
कहीं नहीं महफूज, दुष्ट मिल जाँय बहकते |
बने सुर्खियाँ न्यूज, नहीं कुछ भी कर सकते ||
इन दरिंदों में कितने ही साइकोपैथ (मनोरोगी )हैं इनका इलाज़ होना चाहिए .इनका छुट्टा घूमना समाधान नहीं है .जेल में डालने से भी कुछ नहीं होगा .
ReplyDeleteबेशक ,नारी को हर जगह आतंक का निशाना बनाया जा
ReplyDeleteरहा है
बिल्कुल सही कहा आपने .बेह्तरीन अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteदुखद स्थिति... :(
ReplyDelete~सादर!!!
न कोई आयेगा तुमको बचाने
ReplyDeleteतुम्हे ही खुद की करना है हिफाजत
जो अपने आप को करना है साबित
चुकानी ही पडेगी उसकी कीमत
रहो तैयार हरदम औ हर कदम
राह के रोडों को कर दो मार बेदम ।
नारी को बस चाहिये, ऊर्जा रखे बटोर |
ReplyDeleteसाहस से वह काम ले,धीरज रखे अथोर||
धीरज रखे अथोर,कभी मत विचलित होवे |
वह सब कुछ कर सकती है,यदि धैर्य न खोवे ||
'पाप-कबाड़' काटने को है' 'पैनी आरी' |
है आधा संसार,रही है जग में नारी ||
मित्र!बहुत अच्छी रचना के लिये वधाई के साथ, आज नारी दिवस हेतु शुभकामना !!
बेहद प्रभाव साली रचना और आपकी रचना देख कर मन आनंदित हो उठा बहुत खूब
ReplyDeleteआप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।
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