अंध-भक्ति श्रद्धा जब बाढ़ी ।
झोंके लोग कमाई गाढ़ी ।
पर डूबे सागर में *पाढ़ी ।
काली दाढ़ी उजली दाढ़ी -
विष जीवन में घोले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥
पढ़े लिखे लोगों की मर्जी ।
शायद हों बाबा के करजी ।
संत कृपा की खातिर अर्जी ।
ना जाने कैसी खुदगर्जी ।
साथ सुता के सो ले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥
धूर्त बाल की खाल निकाले ।
हर ढपली पर रोले गाले ।
चले हमेशा बेढब चालें ।
खतरनाक मंसूबे पाले -
जहर जहाँ में घोले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥
मैल हाथ की सूखी धोले ।
तोले-तोले रख के तोले ।
जले कलेजा पड़े फफोले ।
हर रिश्ते को तोले-मोले ।
नहीं किसी का हो ले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥
*छोटी नाव
गई शक्ति-मिल दुष्ट क्लीव को -
- नहा खून से हर हर गंगे |
- बहा खून ले, दर दर दंगे |
- भंग व्यवस्था लंगु प्रशासन
- सड़कों पर दुर्दांत लफंगे ।
- जब मारक आघात करें | बोलो किसकी बात करें ॥
- जहाँ प्रवंचक प्रवचन करते ।
- श्रोता मकु तरते ना तरते ।
- लम्बी चौड़ी हांक हांक के
- दारुण दुःख हरते ना हरते -
- हरते सिया बलात धरें । बोलो किसकी बात करें ॥
- करें दिल्लगी दिल्ली वाले ।
- उजला देह कलेजा काले ।
- इक थैली के चट्टे बट्टे -
- करके वादे काम निकाले -
- असहनीय हालात करें । बोलो किसकी बात करें ॥
- नहीं डराती जेल-सलाखें
- कन्याओं को घूरें आँखें ।
- गई शक्ति-मिल दुष्ट क्लीव को
- चाहे जितना चीखें चाखें -
- मनचाहा उत्पात करें । बोलो किसकी बात करें ॥
धूर्त लोगों की भरमार हो गई है ....बहुत अच्छी प्रस्तुति ....
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना ! बधाई स्वीकार करें !
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सुन्दर प्रस्तुति !!
ReplyDeleteक्या बात है। क्या बात है।
ReplyDeleteक्या बात!
ReplyDeleteपढ़े लिखे लोगों की मर्जी ।
ReplyDeleteशायद हों बाबा के करजी ।
संत कृपा की खातिर अर्जी ।
ना जाने कैसी खुदगर्जी ।
साथ सुता के सो ले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥
इसमें भी कुछ प्रभु की मर्जी ,
तमो गुणों को धो ले बाबा ,
तेरी करनी बोले बाबा
धूर्तों के सरदार ये बाबा ,
मत कहो इनको भोले बाबा .
सटीक और यथार्थ को कहती रचनाएँ
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeletelatest post गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)
Very good, amazing
ReplyDeleteHealth News In Hindi In Hindi | Jyotish Blogs In Hindi