11 September, 2013

साथ सुता के सो ले बाबा-


अंध-भक्ति श्रद्धा जब बाढ़ी ।
झोंके लोग कमाई गाढ़ी । 
पर डूबे सागर में *पाढ़ी ।
काली दाढ़ी उजली दाढ़ी -
विष जीवन में घोले बाबा ।  भोले बाबा भोले बाबा ॥

पढ़े लिखे लोगों की मर्जी ।
शायद हों बाबा के करजी ।
संत कृपा की खातिर अर्जी ।
ना जाने कैसी खुदगर्जी ।
साथ सुता के सो ले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥

धूर्त बाल की खाल निकाले ।
हर ढपली पर रोले गाले ।
चले हमेशा बेढब चालें ।
खतरनाक मंसूबे पाले -
जहर जहाँ में घोले बाबा ।  भोले बाबा भोले बाबा ॥

मैल हाथ की सूखी धोले ।
तोले-तोले रख के तोले ।
जले कलेजा पड़े फफोले ।
हर रिश्ते को तोले-मोले ।

नहीं किसी का हो ले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥
*छोटी नाव 

गई शक्ति-मिल दुष्ट क्लीव को -

  •  नहा खून से हर हर गंगे |
  • बहा खून ले, दर दर दंगे |
  • भंग व्यवस्था लंगु प्रशासन 
  • सड़कों पर दुर्दांत लफंगे । 

  • जब मारक आघात करें | बोलो किसकी बात करें ॥ 

  • जहाँ प्रवंचक प्रवचन करते । 
  • श्रोता मकु तरते ना तरते । 
  • लम्बी चौड़ी हांक हांक के 
  • दारुण दुःख हरते ना हरते -

  • हरते सिया बलात धरें । बोलो किसकी बात करें ॥ 

  • करें दिल्लगी दिल्ली वाले । 
  • उजला देह कलेजा काले । 
  • इक थैली के चट्टे  बट्टे -
  • करके वादे काम निकाले -

  • असहनीय हालात करें । बोलो किसकी बात करें ॥ 

  • नहीं डराती जेल-सलाखें 
  • कन्याओं को घूरें आँखें । 
  • गई शक्ति-मिल दुष्ट क्लीव को 
  • चाहे जितना चीखें चाखें -

  • मनचाहा उत्पात करें । बोलो किसकी बात करें ॥ 

9 comments:

  1. धूर्त लोगों की भरमार हो गई है ....बहुत अच्छी प्रस्तुति ....

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  2. क्‍या बात है। क्‍या बात है।

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  3. पढ़े लिखे लोगों की मर्जी ।
    शायद हों बाबा के करजी ।
    संत कृपा की खातिर अर्जी ।
    ना जाने कैसी खुदगर्जी ।
    साथ सुता के सो ले बाबा । भोले बाबा भोले बाबा ॥

    इसमें भी कुछ प्रभु की मर्जी ,

    तमो गुणों को धो ले बाबा ,

    तेरी करनी बोले बाबा

    धूर्तों के सरदार ये बाबा ,

    मत कहो इनको भोले बाबा .

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  4. सटीक और यथार्थ को कहती रचनाएँ

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