31 July, 2014

भीष्म कर्ण गुरु द्रोण, युद्ध तो किये जा रहे -

रहे मौन धर्मज्ञ जब, देख पाप-दुष्कर्म |
बिना महाभारत छिड़े, कहाँ सुरक्षित धर्म |

कहाँ सुरक्षित धर्म, रखें गिरवी जब तन मन  |
दुर्जन करे कुकर्म,  सताए हरदिन जन गण ।

कह रविकर कविराय, कृष्ण अब कहाँ आ रहे । 
भीष्म कर्ण गुरु द्रोण, युद्ध तो किये जा रहे ॥ 

8 comments:

  1. सही कहा कृष्‍ण की प्रतीक्षा है।

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  2. सच कहा आपने ....

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  3. महाभारत को आज के परिप्रेक्ष्य में ले आये, वाह।

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  4. वाह !! मंगलकामनाएं आपको !

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  5. कृष्ण के आने तक हमें ही बनना होगा कृष्ण। सुदर प्रस्तुति।

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  6. बहुत सुन्दर है .

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  7. रहे मौन धर्मज्ञ जब, देख पाप-दुष्कर्म |
    बिना महाभारत छिड़े, कहाँ सुरक्षित धर्म |
    sacchi bat ....

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  8. बहुत अच्छी कुण्डलियाँ !
    रहे मौन धर्मज्ञ जब, देख पाप-दुष्कर्म |
    बिना महाभारत छिड़े, कहाँ सुरक्षित धर्म |

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