बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति...
बहुत सुन्दर
होगा बेड़ापार, गलतिया हो ही जाती । करिये मत दो बार, नीति तो यही सिखाती। सीखें तब तो। बढिया कुंडली।
सुन्दर कुण्डलिया मैं भी ब्रह्माण्ड का महत्वपूर्ण हिस्सा हूँ !newpost कहानी -विजयी सैनिक
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
कहते है दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है . अगर एक बार गलती हो जाये तो कोई ख़ास बात नहीं है लेकिन बार-बार गलती करना मुर्खता की निशानी है . . लाजवाब लाइने आपने लिखी है इसके लिए आपको साधुवाद.मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.
बहुत सार्थक प्रस्तुति ! गोस्वामी तुलसीदास
सत्य वचन ..... आभारhttp://savanxxx.blogspot.in
बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहोगा बेड़ापार, गलतिया हो ही जाती ।
ReplyDeleteकरिये मत दो बार, नीति तो यही सिखाती।
सीखें तब तो। बढिया कुंडली।
होगा बेड़ापार, गलतिया हो ही जाती ।
ReplyDeleteकरिये मत दो बार, नीति तो यही सिखाती।
सीखें तब तो। बढिया कुंडली।
सुन्दर कुण्डलिया
ReplyDeleteमैं भी ब्रह्माण्ड का महत्वपूर्ण हिस्सा हूँ !
newpost कहानी -विजयी सैनिक
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteकहते है दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है . अगर एक बार गलती हो जाये तो कोई ख़ास बात नहीं है लेकिन बार-बार गलती करना मुर्खता की निशानी है . . लाजवाब लाइने आपने लिखी है इसके लिए आपको साधुवाद.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.
बहुत सार्थक प्रस्तुति !
ReplyDeleteगोस्वामी तुलसीदास
सत्य वचन ..... आभार
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in