03 February, 2015

गलती की परवाह कर, नहिं तो बंटाधार-

गलती की परवाह कर, वरना बंटाधार |
स्वयं सुधारोगे अगर, होगा बेड़ापार |
होगा बेड़ापार, गलतिया हो ही जाती । 
करिये मत दो बार, नीति तो यही सिखाती । 
होती कभी न हार, हमेशा विपदा टलती  |
जो लेते यह सीख, दाल उनकी ही गलती ।।  



10 comments:

  1. बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति...

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  2. होगा बेड़ापार, गलतिया हो ही जाती ।
    करिये मत दो बार, नीति तो यही सिखाती।

    सीखें तब तो। बढिया कुंडली।

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  3. होगा बेड़ापार, गलतिया हो ही जाती ।
    करिये मत दो बार, नीति तो यही सिखाती।

    सीखें तब तो। बढिया कुंडली।

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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  5. कहते है दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है . अगर एक बार गलती हो जाये तो कोई ख़ास बात नहीं है लेकिन बार-बार गलती करना मुर्खता की निशानी है . . लाजवाब लाइने आपने लिखी है इसके लिए आपको साधुवाद.
    मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.

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  6. सत्य वचन ..... आभार
    http://savanxxx.blogspot.in

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