बढ़ती जाए उम्र, समझ लेकिन ना आई।चूहे मुँह का कौर, वहाँ भी मुँह की खाई।। बहुत सही ...सच कुछ लोग होते ही ऐसे हैं की उनकी अक्ल दाढ़ जिंदगी में कभी आती ही नहीं ..
वाह !
बढ़ती जाए उम्र, समझ लेकिन ना आई।
ReplyDeleteचूहे मुँह का कौर, वहाँ भी मुँह की खाई।। बहुत सही ...
सच कुछ लोग होते ही ऐसे हैं की उनकी अक्ल दाढ़ जिंदगी में कभी आती ही नहीं ..
वाह !
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