26 June, 2013

नमन नमस्ते नायकों, नम नयनों नितराम-

 (1)
नमन नमस्ते नायकों, नम नयनों नितराम |
क्रूर कुदरती हादसे, दे राहत निष्काम  |

दे राहत निष्काम, बचाते आहत जनता |
दिए बगैर बयान, हमारा रक्षक बनता |

अमन चमन हित जान, निछावर हँसते हँसते |
भूले ना एहसान, शहीदों नमन नमस्ते -

 (2)
 उत्तरीय उतरे उमड़, उलथ उत्तराखंड |
कुदरत का कुत्सित कहर, देह भुगत ले दंड |

देह भुगत ले दंड, हुवे रिश्ते बेमानी |
पानी का बुलबुला, हुआ है पानी पानी |

क्या गंगा आचमन, चमन सम्पूर्ण प्रस्तरी |
चालू राहतकार्य,  उत्तराभास उत्तरी ||

 उत्तराभास=अंड-बंड उत्तर / दुष्ट उत्तर

6 comments:

  1. उत्तरीय उतरे उमड़, उलथ उत्तराखंड |
    कुदरत का कुत्सित कहर, देह भुगत ले दंड |

    देह भुगत ले दंड, हुवे रिश्ते बेमानी |
    पानी का बुलबुला, हुआ है पानी पानी |

    Bahut khoob, Umda !

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  2. सामयिक और सटीक प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

    @मानवता अब तार-तार है

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  3. उत्कृष्ट संजीदा और सामयिक प्रस्तुति .बहुत बहुत बधाई...

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  4. सटीक प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

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  5. वाकई में ,मानव की भौतिकतावादी सोच और उसके ही कृत्यों का ही यह दुष्परिणाम है , बेहद दुखद घटना

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