13 October, 2013

नया बने सम्बन्ध, पकाओ धीमा धीमा

सीमांकन दूजा करे, मर्यादा सिखलाय |
पहला परवश होय तब, हृदय देह अकुलाय |

हृदय देह अकुलाय, लगें रिश्ते बेमानी |
रविकर पानीदार, उतर जाता पर पानी |

नया बने सम्बन्ध, पकाओ धीमा धीमा |
करिए स्वत: प्रबन्ध, अन्य क्यूँ पारे सीमा  ??

(दुर्गा-पूजा / विजयादशमी की मंगल-कामनाएं )
(१२-२३ अवकाश पर हूँ-सादर )

5 comments:

  1. विजयादशमी की अनंत शुभकामनाएं
    बहुत सुंदर
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

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  2. बहुत ही सुंदर..नवरात्रि की शुभकामनाएँ ..

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  3. प्रश्न अच्छा उठाया है.

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  4. करिये स्वतः प्रबन्ध यह सलाह बढिया है और संवधो को धीमे धीमे पकाने की बात भी।

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